विराट कोहली ने तोड़ी चुप्पी: भारत और RCB की कप्तानी छोड़ने की असली वजह आई सामने

भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में शामिल विराट कोहली ने आखिरकार उस सवाल का जवाब दिया है जो क्रिकेट प्रेमियों को लंबे समय से परेशान कर रहा था। विराट ने खुलकर बताया कि आखिर उन्होंने भारतीय टीम और आईपीएल की अपनी टीम RCB की कप्तानी क्यों छोड़ी।

हाइलाइट्स:

  • कप्तानी के दबाव से विराट मानसिक रूप से थक चुके थे।
  • व्यक्तिगत खुशी और खेल पर फोकस करने के लिए कप्तानी छोड़ी।
  • धोनी और गैरी कर्स्टन के सपोर्ट का खुलासा किया।

कप्तानी के बोझ से थक चुके थे विराट करीब आठ साल भारतीय क्रिकेट टीम और नौ साल तक आईपीएल में RCB की कप्तानी संभालने वाले विराट कोहली ने खुलासा किया कि लगातार दबाव, प्रशंसकों की उम्मीदें और मीडिया की हर समय की निगरानी उन्हें मानसिक तौर पर बेहद थका चुकी थी। साल 2022 में विराट ने इसी दबाव की वजह से करीब एक महीने क्रिकेट से दूरी बना ली थी। उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा, “मैं कप्तानी छोड़ने के निर्णय पर इसलिए पहुंचा, क्योंकि मुझे लगा कि अगर इस स्तर पर लगातार प्रदर्शन करना है तो पहले खुद को खुश रखना जरूरी है।”

खुशी और क्रिकेट पर पूरा ध्यान विराट का मानना है कि कप्तानी छोड़ने के बाद उनके जीवन में एक नया अध्याय शुरू हुआ है, जहाँ वे बिना किसी दबाव के केवल अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे ऐसा माहौल चाहिए था जहां लोग लगातार मुझ पर फैसलों की वजह से सवाल न उठाएं। अब मैं केवल अपने खेल का आनंद ले सकता हूँ और खुलकर बल्लेबाज़ी कर सकता हूँ।” विराट ने बताया कि कप्तानी का भारी बोझ उतरने के बाद अब वे खुद को मानसिक तौर पर हल्का महसूस कर रहे हैं।

धोनी और कर्स्टन का अहम रोल अपने करियर की शुरुआत में मिले सपोर्ट के बारे में विराट ने बताया कि अंडर-19 टीम से सीनियर टीम में जगह बनाना आसान नहीं था। लेकिन उस दौर में टीम के तत्कालीन कप्तान एमएस धोनी और कोच गैरी कर्स्टन ने उन्हें पूरा समर्थन दिया। “धोनी और गैरी ने मुझ पर भरोसा दिखाया और कहा कि मैं नंबर तीन पर खेलूँ। उन्होंने कभी मुझसे अकेले दम पर मैच जीतने की उम्मीद नहीं की, बल्कि हमेशा मेरी लड़ाई की भावना को महत्व दिया।” विराट ने कहा कि यह भरोसा उनके पूरे करियर की नींव बना।

“नर्वस एनर्जी” जरूरी है विराट कोहली ने अपने खेल में “नर्वस एनर्जी” यानी हल्की घबराहट को बहुत जरूरी बताया। उनका मानना है कि “जिस दिन खिलाड़ी को मैच से पहले घबराहट महसूस होना बंद हो जाती है, उसी दिन उसका करियर खत्म होने लगता है।” कोहली के अनुसार, यही घबराहट उन्हें हर मैच में बेहतर करने के लिए प्रेरित करती रहती है।

विराट कोहली के इस खुलासे ने उनके प्रशंसकों को एक नई दृष्टि दी है। कप्तानी छोड़ने का फैसला उनके लिए एक बड़ा कदम था, लेकिन इससे उनके क्रिकेट करियर को नई ऊर्जा मिली है। विराट अब कप्तानी के दबाव से मुक्त होकर फिर से उसी जज़्बे के साथ मैदान पर उतर रहे हैं, जो शुरुआत में उनके खेल की पहचान था।

Leave a Comment