राहुल द्रविड़ से हुई बहस? रोहित शर्मा ने खोले टीम इंडिया के अंदरूनी राज, कहा- “झगड़ा ज़रूरी है!”

टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा की जोड़ी को क्रिकेट जगत में बेहद शांत, समझदार और परिपक्व माना जाता है। लेकिन हाल ही में रोहित शर्मा ने एक इंटरव्यू में चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि उनके और राहुल भाई के बीच कई बार तीखी बहसें हुई हैं — और उन्होंने यह भी माना कि “जहां बहस नहीं होती, वहां कुछ तो गड़बड़ है।” नवंबर 2021 से जून 2024 तक रोहित ने तीनों फॉर्मेट में टीम की कप्तानी की और द्रविड़ कोच रहे। इस दौरान भारत ने T20 वर्ल्ड कप 2024 जीता, WTC फाइनल 2023 और ODI वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल भी खेला। लेकिन इस सफलता के पीछे कुछ असहमतियां और गहरी चर्चाएं भी छिपी रहीं।

हाइलाइट्स:

  • रोहित शर्मा ने कहा – “राहुल भाई से कई बार हुई ज़ोरदार बहस”
  • “जहां बहस नहीं होती, वहां कुछ तो गलत है” – रोहित
  • कप्तान और कोच के रिश्ते में था गहरा सम्मान और समझ
  • फील्ड पर फैसलों की जिम्मेदारी मेरी थी, लेकिन सवाल पूछना राहुल भाई का हक़

“ये मेरी टीम नहीं थी, ये हमारी टीम थी” – रोहित शर्मा

रोहित ने खुलकर बताया कि कोच राहुल द्रविड़ से उनकी सोच और रणनीतियों में टकराव हुआ करता था। उन्होंने कहा, “राहुल भाई और मेरे बीच इतनी समझ बन गई थी कि हमें एक-दूसरे की सोच का अंदाज़ा हो गया था। मुझे ये कभी नहीं लगा कि ये मेरी टीम है और जो मैं कहूंगा वही होगा। मैंने ऐसा कभी किया भी नहीं है।” रोहित मानते हैं कि मतभेद होना स्वस्थ संबंध की निशानी है, और इससे टीम को दिशा देने में मदद मिलती है।

“मैदान पर फैसले मेरी जिम्मेदारी, लेकिन राहुल भाई का सवाल पूछना ज़रूरी”

रोहित ने साफ कहा कि फील्ड पर अंतिम फैसला कप्तान का होता है, लेकिन कोच के पास सवाल पूछने और सुझाव देने का पूरा अधिकार होता है। उन्होंने कहा, “20 ओवर मुझे मैदान पर संभालने हैं। कौन-सा खिलाड़ी कब उपयोगी होगा, ये मैं तय करता हूं। लेकिन राहुल भाई का अनुभव इतना बड़ा है कि उन्हें सवाल पूछने का पूरा हक़ है। और उन्होंने हमेशा सपोर्ट किया है।”

“जहां बहस नहीं, वहां गलत है” – सोच में फर्क को बताया ताकत

जब रोहित से पूछा गया कि क्या उनकी द्रविड़ से कभी तेज बहस हुई, तो उन्होंने बेझिझक कहा, “हां, कई बार! और इसमें कुछ गलत नहीं है। जहां बहस नहीं होती, वहां कुछ न कुछ गड़बड़ है। आपके और मेरे विचार अलग हैं, और यही इस दुनिया की खूबसूरती है।”

रोहित के इस ईमानदार बयान ने यह साफ कर दिया कि कप्तान और कोच का रिश्ता सिर्फ हां में हां मिलाने का नहीं होता, बल्कि एक-दूसरे की सोच को चुनौती देने और समझने का होता है। यही वजह है कि रोहित-द्रविड़ की जोड़ी ने भारत को उस ऊंचाई तक पहुंचाया, जहां टीम ने लगातार ICC फाइनल्स खेले और अंततः एक ट्रॉफी भी जीती।

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