आईपीएल 2025 के एक मुकाबले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच धर्मशाला में चल रहा मैच सिर्फ 10.1 ओवर के बाद बीच में ही रद्द करना पड़ा। इसके बाद खिलाड़ियों, अधिकारियों और दर्शकों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद पंजाब किंग्स की सह-मालकिन और अभिनेत्री प्रीति ज़िंटा ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने सभी को धन्यवाद कहा और साथ ही तस्वीरों से मना करने के लिए माफ़ी भी मांगी।
हाइलाइट्स:
- धर्मशाला में IPL मैच बीच में रद्द, प्रीति ज़िंटा ने दी सफाई
- दर्शकों को धन्यवाद और तस्वीरों से मना करने पर जताया खेद
- रेलवे मंत्री, बीसीसीआई और पंजाब किंग्स ऑपरेशन टीम को कहा धन्यवाद
- मैच रद्द होने के पीछे जम्मू और पठानकोट में एयर रेड अलर्ट की पुष्टि
“तस्वीरों से मना करने के लिए माफ़ कीजिए” – प्रीति ज़िंटा का इमोशनल नोट
प्रीति ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा, “पिछले कुछ दिनों के पागलपन के बाद आख़िरकार घर लौट आई हूं। भारतीय रेलवे और माननीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का दिल से धन्यवाद कि उन्होंने दोनों IPL टीमों और अधिकारियों को सुरक्षित, तेज़ और आरामदायक तरीके से धर्मशाला से बाहर निकाला। साथ ही @JayShah, श्री अरुण धूमल, BCCI, हमारे CEO सतीश मेनन और @PunjabKingsIPL की ऑपरेशन्स टीम का आभार कि उन्होंने पूरे स्टेडियम की एवैक्यूएशन को व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से हैंडल किया।”
प्रीति ने आगे लिखा, “धर्मशाला स्टेडियम में मौजूद सभी लोगों का तहे दिल से शुक्रिया। आप सबने घबराहट नहीं दिखाई और भगदड़ जैसी कोई स्थिति नहीं बनने दी। आप सभी सच्चे रॉकस्टार हैं। मैं माफ़ी चाहती हूं कि मैंने तस्वीरें खिंचवाने से मना किया, लेकिन उस समय सबसे ज़रूरी चीज़ थी हर किसी की सुरक्षा और वही मेरी प्राथमिकता थी।”
बॉर्डर टेंशन के चलते IPL सस्पेंड
प्रीति ज़िंटा का यह बयान ऐसे समय आया है जब BCCI ने भारत-पाक तनाव को देखते हुए IPL को एक सप्ताह के लिए आस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है। धर्मशाला मैच के दौरान जम्मू और पठानकोट में एयर रेड अलर्ट जारी किया गया था, जिसके बाद मैच को रोका गया और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बाद में सभी खिलाड़ी और स्टाफ स्पेशल ट्रेन से दिल्ली भेजे गए।
प्रीति ज़िंटा का यह कदम ना केवल एक मालिक के रूप में, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में भी तारीफ के काबिल है, जिसने यह दिखा दिया कि खेल से ज़्यादा ज़रूरी है लोगों की सुरक्षा और इंसानियत।