6 बार टीम बदली, 15 साल लगे और अब बना IPL का सबसे अनोखा रिकॉर्ड

Highlights:

  • मिचेल मार्श को IPL में 1000 रन बनाने में लगे 15 साल
  • 6 अलग-अलग टीमों से खेल चुके हैं ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर
  • IPL 2025 में लखनऊ के लिए दिखा रहे शानदार फॉर्म

15 साल, 50 मैच और आखिरकार IPL में 1000 रन

IPL इतिहास में जहां खिलाड़ी एक या दो सीजन में हज़ार रन बना देते हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया के मिचेल मार्श को इस आंकड़े को छूने में पूरे 15 साल लग गए। IPL 2025 के 40वें मैच में जब लखनऊ सुपर जायंट्स के इस बल्लेबाज़ ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 45 रनों की पारी खेली, तो उन्होंने अपने IPL करियर के 1000 रन पूरे किए। ये मुकाम उन्होंने 50वें मैच की 44वीं पारी में हासिल किया। ये उपलब्धि जितनी खास है, उतनी ही ‘अलग’ भी, क्योंकि इसके साथ मार्श के नाम IPL का सबसे धीमा 1000 रन बनाने का रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया।

IPL में सबसे धीमे 1000 रन बनाने वाले बल्लेबाज़

मिचेल मार्श अब इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। उनसे पहले ये अनचाहा रिकॉर्ड मोइसेस हेनरिक्स के नाम था, जिन्हें 13 साल लगे थे, वहीं राहुल तेवतिया ने 12 साल में ये आंकड़ा पार किया था। मार्श ने IPL में साल 2010 में डेक्कन चार्जर्स से डेब्यू किया था, लेकिन चोट और फॉर्म की वजह से उनका सफर कभी स्थिर नहीं रहा। उन्होंने डेक्कन चार्जर्स, पुणे वॉरियर्स इंडिया, राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स, सनराइजर्स हैदराबाद, दिल्ली कैपिटल्स और अब लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए खेला है। इस तरह वह अब तक 6 टीमों का हिस्सा रह चुके हैं।

IPL 2025 में मिचेल मार्श की फॉर्म

हालांकि IPL 2025 में मिचेल मार्श ने खुद को पूरी तरह से बदला हुआ दिखाया है। उन्होंने इस सीजन अब तक 8 मैचों में 344 रन बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 160 से ऊपर है। 4 अर्धशतक और लगातार आक्रामक रुख ने उन्हें लखनऊ की बैटिंग लाइनअप का अहम हिस्सा बना दिया है। दिल्ली के खिलाफ उन्होंने 36 गेंदों पर 45 रनों की पारी खेली जिसमें 3 चौके और 1 छक्का शामिल रहा। हालांकि वह मुकेश कुमार का शिकार बन गए, लेकिन मैच में उन्होंने अपनी टीम को एक मजबूत शुरुआत जरूर दी।

मार्श के IPL सफर की कहानी बताती है कि किस तरह एक खिलाड़ी को सफलता पाने के लिए लंबा इंतज़ार और धैर्य रखना पड़ता है। चाहे चोट हो या फॉर्म, मिचेल मार्श ने कभी हार नहीं मानी और अब वो IPL 2025 में अपनी क्लास साबित कर रहे हैं। ये रिकॉर्ड भले ही थोड़ा ‘अजीब’ हो, लेकिन इसका दूसरा पहलू ये भी है कि perseverance और वापसी की कहानी इससे बेहतर नहीं हो सकती।

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