IPL 2025 में अचानक मची अफरा-तफरी, खिलाड़ियों को सुरक्षित निकालने में किसने निभाई सबसे बड़ी भूमिका?

8 मई को धर्मशाला में IPL मैच के दौरान जैसे ही फ्लडलाइट्स बंद हुईं, स्टेडियम में मौजूद सभी लोगों की धड़कनें तेज हो गईं। 11वें ओवर में अचानक लाइट्स के चले जाने से मैदान में मौजूद खिलाड़ी, डगआउट में बैठे सपोर्ट स्टाफ और स्टैंड में बैठे परिजनों तक में घबराहट फैल गई। दिल्ली कैपिटल्स के लॉजिस्टिक्स हेड अरविंदर सिंह ने जैसे ही अंधेरा देखा, उनके मुंह से निकला – “फिर से? अब क्या!”

● 2020 के डरावने दौर की याद ताज़ा हुई
● धर्मशाला से खिलाड़ियों की सुरक्षित निकासी बनी चुनौती
● पंजाब किंग्स के मैनेजर बोले – यहां IPL चलाना आसान नहीं

दरअसल, धर्मशाला से करीब 90 किलोमीटर दूर पठानकोट में सुरक्षा स्थिति के चलते फ्लडलाइट्स बंद करनी पड़ीं। इससे अचानक मैच रुक गया और हालात बिगड़ने लगे। अरविंदर सिंह ने बताया कि उन्हें उसी पल 2020 की याद आ गई जब BCCI के लिए काम करते हुए उन्होंने भारत-दक्षिण अफ्रीका वनडे को कोरोना के चलते रद्द होते देखा था। उन्होंने उस समय टीम को चार्टर फ्लाइट से कोलकाता भेजा था और फिर वहां से उनकी स्वदेश वापसी कराई थी

लेकिन इस बार हालात और भी ज़्यादा उलझे हुए थे। पहले योजना बनी कि टीम को ऊना ले जाया जाए, फिर पठानकोट की बात चली लेकिन वहां ड्रोन अटैक की आशंका थी। होटल में रुकना भी जोखिम भरा लग रहा था क्योंकि यह किसी संभावित हमले का निशाना बन सकता था। अंत में एक रिज़ॉर्ट बुक किया गया और खिलाड़ियों को समझाया गया कि वहां वे सुरक्षित रहेंगे। अगली सुबह उन्हें जलंधर ले जाया गया, जहां से वंदे भारत ट्रेन से दिल्ली पहुंचाया गया

वहीं पंजाब किंग्स के टीम मैनेजर विक्रम हस्तिर के लिए यह एक और चुनौतीपूर्ण दिन था। उन्होंने बताया कि IPL में हम हमेशा Plan A, B और C तैयार रखते हैं। लेकिन धर्मशाला जैसे वेन्यू पर काम करना आसान नहीं होता। वहां बड़े एयरक्राफ्ट नहीं उतर सकते, बैगेज ज़मीन के रास्ते भेजना पड़ता है और हर फ्लाइट में सिर्फ 50-55 लोगों को जगह मिलती है। ऐसे में तय करना पड़ता है कि किसे प्राथमिकता देनी है

हस्तिर बताते हैं कि कभी-कभी किट बैग भी छूट जाते हैं। एक बार शिखर धवन का बैग बेंगलुरु जाते समय गुम हो गया था। उन्हें इस पर हंसी भी आई, लेकिन उन्होंने माना कि ऐसे समय गुस्सा आ ही जाता है। आखिर इंसान हैं, गलती हो ही जाती है

गुजरात टाइटंस जैसे कुछ टीमें चार्टर फ्लाइट का इस्तेमाल करती हैं ताकि खिलाड़ी अधिक कंफर्टेबल रहें। टीम के COO कर्नल अरविंदर सिंह बताते हैं कि यह महंगा होता है लेकिन इससे खिलाड़ियों को बहुत सुविधा मिलती है। “खिलाड़ी को अपने मोज़े तक की चिंता नहीं करनी पड़ती,” उन्होंने कहा

क्रिकेट मैदान पर भले ही 22 गज की दूरी पर खेला जाता है, लेकिन उसके पीछे सैकड़ों किलोमीटर की तैयारी, प्लानिंग और मेहनत छिपी होती है। लॉजिस्टिक्स और ट्रैवल टीम वो अनदेखे हीरो हैं, जो IPL को हर दिन सफल बनाने के लिए सड़कों पर रहते हैं

“हम IPL के इंसान हैं। हमारा मैदान रास्ता है,” – अरविंदर नेगी का यह कथन IPL के असली हीरोज़ को बखूबी बयां करता है

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