IPL 2025 में दिल्ली कैपिटल्स के युवा खिलाड़ी विपराज निगम अपनी धारदार गेंदबाज़ी से लगातार चर्चा में हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि विपराज का असली सपना बल्लेबाज़ बनने का था, गेंदबाज़ तो वो गलती से बन गए। आज वही गलती उनकी सबसे बड़ी ताकत बन चुकी है और दिल्ली को IPL में नई ऊर्जा दे रही है।
8 साल की उम्र में देखा सपना, संघर्ष से बना सफर
विपराज निगम ने आठ साल की उम्र में अपने पापा विजय निगम से कहा था कि वो क्रिकेटर बनना चाहता है और इंडिया के लिए खेलना उसका सपना है। इसके बाद विजय उसे लखनऊ के कोच सरवर नवाब के पास ले गए और बोले, “सर, मुझे क्रिकेट की समझ नहीं है, ये अब आपकी जिम्मेदारी है, आप इसके द्रोणाचार्य हैं।” इस पल से विपराज के सफर की असली शुरुआत हुई। इसी बीच पिता को सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षक की नौकरी मिल गई लेकिन पोस्टिंग 150 किलोमीटर दूर हुई, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। वो हर दिन फोन से बेटे के साथ जुड़े रहते और उसकी मेहनत का हाल लेते। वहीं दूसरी तरफ विपराज की मां ने हर जिम्मेदारी अकेले निभाई — उसे अकेडमी छोड़ना, घंटों इंतज़ार करना और उसे फिर वापस लाना। उन्होंने बेटे का सपना अपना बनाया।
हाइलाइट्स
- विपराज ने क्रिकेटर बनने का सपना 8 साल की उम्र में देखा था
- मां, पापा और दादाजी के संघर्ष और त्याग से बना उनका IPL तक का सफर
- बल्लेबाज़ से गलती से गेंदबाज़ बनने का अनोखा मोड़
- IPL 2025 में दिल्ली कैपिटल्स के लिए बन चुके हैं मैच विनर
दादाजी का सपना और ‘बल्लेबाज़ से गेंदबाज़’ बनने की कहानी
विपराज के दादा ने भी पूरे मन से उसका साथ दिया। गर्मी हो या सर्दी, वो शेयर ऑटो में सफर कर विपराज को टिफिन देने जाते थे। अब वो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन विपराज आज भी भावुक होकर कहता है, “काश दादाजी आज जिंदा होते और मुझे टीवी पर खेलते देखते।” सबसे दिलचस्प मोड़ तब आया जब विपराज 2022 में उत्तर प्रदेश के अंडर-19 ट्रायल में पहुंचे। वहां बल्लेबाज़ों की भारी भीड़ थी और कोई नेट खाली नहीं था। तभी एक सिलेक्टर ने पूछा, “कोई बॉलिंग करेगा?” विपराज ने झिझकते हुए हाथ उठाया। उसने गेंदबाज़ी की, और सभी चौंक गए। सिलेक्टर ने तुरंत कहा, “तू तो पक्का बॉलर है।” यहीं से उसकी पहचान बदल गई और विपराज की नयी भूमिका की शुरुआत हुई।
आज विपराज निगम IPL 2025 में ना सिर्फ दिल्ली की गेंदबाज़ी की कमान संभाल रहे हैं, बल्कि अपने परिवार के सालों पुराने सपनों को भी पूरा कर रहे हैं। ये कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि पूरे परिवार की है जिसने हर मुश्किल को पार किया और आज देश के सामने एक नया स्टार खड़ा किया।