हाइलाइट्स:
- IPL 2025 के दोबारा शुरू होने पर विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता बनी बड़ी चुनौती
- मिचेल जॉनसन ने कहा, “पैसों से बढ़कर है जान की सुरक्षा”
- BCCI पर विदेशी बोर्ड्स और खिलाड़ियों पर दबाव डालने का आरोप
IPL 2025 के फिर से शुरू होने की घोषणा के बाद अब विवादों का नया अध्याय खुल गया है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन ने BCCI पर विदेशी खिलाड़ियों को टूर्नामेंट के बाकी बचे मुकाबलों के लिए जबरदस्ती बुलाने का आरोप लगाया है। भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव के कारण एक हफ्ते तक रुका रहा IPL अब 17 मई से दोबारा शुरू होने वाला है, लेकिन विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
जॉनसन, जिन्होंने 2013 से 2018 तक छह IPL सीज़न खेले हैं, ने ‘The West Australian’ अखबार में लिखे अपने कॉलम में कहा, “अगर मुझे फैसला लेना हो कि मैं भारत वापस जाऊं या नहीं, तो जवाब होगा – बिल्कुल नहीं। जान और सुरक्षा सबसे ज़रूरी है, ना कि सैलरी चेक्स। किसी को भी मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, चाहे IPL हो या PSL। दोनों को या तो रद्द कर देना चाहिए या किसी और देश में कराने पर विचार करना चाहिए।”
BCCI की रणनीति पर सवाल
BCCI द्वारा टूर्नामेंट को फिर से शुरू करने के फैसले के बाद फाइनल मुकाबले की तारीख 25 मई से बढ़ाकर 3 जून कर दी गई है। इसके चलते विदेशी बोर्ड्स पर अपने खिलाड़ियों को IPL के लिए उपलब्ध कराने का दबाव बढ़ गया है, खासकर तब जब कई देशों की अंतरराष्ट्रीय सीरीज़ भी उसी समय निर्धारित हैं। इनमें सबसे अहम है ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच 11 जून से लॉर्ड्स में शुरू होने वाली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल।
ऑस्ट्रेलिया के सिर्फ दो खिलाड़ी—पैट कमिंस और ट्रैविस हेड—वापसी के लिए राजी हुए हैं, जिनकी टीम SRH पहले ही प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी है। वहीं, साउथ अफ्रीका की स्थिति और भी मुश्किल है, क्योंकि उनके कई प्रमुख खिलाड़ी IPL में अभी भी सक्रिय हैं और WTC फाइनल की तैयारी भी करनी है।
“पसंद का फैसला ज़रूरी है, ना कि दबाव में किया गया फैसला”
जॉनसन ने लिखा, “क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपने खिलाड़ियों को निर्णय लेने की आज़ादी दी है, लेकिन यह फैसला उनके करियर पर असर डाल सकता है। खिलाड़ियों को अपनी सुरक्षा पहले रखनी चाहिए। कुछ खिलाड़ियों ने उन क्षेत्रों की स्थितियों के बारे में बताया है, जो वाकई चिंता का विषय हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “IPL फाइनल और WTC फाइनल की तारीखों के बीच सिर्फ एक हफ्ते का फासला है। ऐसे में टेस्ट क्रिकेट के सबसे बड़े मुकाबले की तैयारी प्रभावित होना निश्चित है। साउथ अफ्रीका अपने खिलाड़ियों को लेकर कहीं ज़्यादा सख्त रवैया अपना रहा है, खासकर जब भारत और साउथ अफ्रीका के बीच SA20 लीग के ज़रिए आर्थिक रिश्ते भी हैं।”
मिचेल जॉनसन के इस बयान ने एक बार फिर IPL और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बीच टकराव की बहस को हवा दे दी है। अब देखना होगा कि क्या और खिलाड़ी भी इस मुद्दे पर खुलकर सामने आते हैं या नहीं।