टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया और उनके इस फैसले पर देशभर से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं। लेकिन एक बयान जिसने सभी का ध्यान खींचा, वो था भारत के नए हेड कोच गौतम गंभीर का। गंभीर ने रोहित के लिए सिर्फ तीन शब्द लिखे – “A master, a leader & a gem!” और इन शब्दों में उन्होंने टेस्ट फॉर्मेट में रोहित की पूरी यात्रा को समेट दिया। रोहित ने इंस्टाग्राम स्टोरी के ज़रिए अपने संन्यास की जानकारी साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा – “टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात रही। सभी के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद।”
हाइलाइट्स:
- रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास, गंभीर ने कहा “मास्टर, लीडर और रत्न”
- कोच ने कहा – जब तक प्रदर्शन कर रहे हैं, तब तक खेलना चाहिए
- रोहित टेस्ट करियर: 67 टेस्ट, 4,301 रन, 12 शतक
- कप्तान रहते भारत को 12 जीत, लेकिन अंत हुआ दो बड़ी सीरीज़ हार से
गंभीर का बयान: “कोच सेलेक्टर नहीं होता”
गंभीर से जब रोहित और कोहली के भविष्य पर पूछा गया तो उन्होंने बड़ी स्पष्टता से कहा, “कोच का काम टीम सिलेक्ट करना नहीं होता, वह सिर्फ प्लेइंग XI चुनता है। सिलेक्टर्स टीम चुनते हैं।” हालांकि जब उनसे बार-बार पूछा गया कि क्या कोहली और रोहित जैसे सीनियर खिलाड़ियों का अब भी टीम में रहना ठीक है, तो गंभीर ने कहा, “जब तक प्रदर्शन कर रहे हैं, तब तक क्यों नहीं? अगर कोई 40 की उम्र में भी रन बना रहा है तो 45 तक खेलना चाहिए, कौन रोक रहा है?”
रोहित शर्मा का टेस्ट करियर: ऊंचाइयों और दबाव से भरा सफर
रोहित शर्मा ने 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ईडन गार्डन्स में टेस्ट डेब्यू किया था और अपने पहले दो मैचों में शतक जड़े थे। उन्होंने 67 टेस्ट में 4,301 रन, 12 शतक और 40.57 का औसत दर्ज किया। 2022 में विराट कोहली से कप्तानी संभालने के बाद उन्होंने 24 टेस्ट में 12 जीत दिलाई, लेकिन उनका टेस्ट कप्तानी करियर 3-0 से न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू हार और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4-1 की श्रृंखला हार के साथ खत्म हुआ, जिससे भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 की दौड़ से बाहर हो गया।
संन्यास की वजह और आत्मस्वीकृति
रोहित खुद भी मानते हैं कि टेस्ट क्रिकेट में उनके पास अपार क्षमता थी, लेकिन वो उसे पूरी तरह परिणामों में नहीं बदल पाए। 2024-25 के सीज़न में उनका औसत सिर्फ 10.93 रन रहा और इसी गिरते फॉर्म के कारण उन्होंने खुद को प्लेइंग XI से भी ड्रॉप किया — ऐसा करने वाले पहले भारतीय कप्तान बने।
अब जब रोहित टेस्ट क्रिकेट से विदा ले चुके हैं, उनका फोकस वनडे और T20 पर रहेगा। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, “देश के लिए सफेद जर्सी में खेलना मेरे लिए गर्व की बात रही है।”