सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में गूंजा विराट कोहली का नाम, लेफ्टिनेंट जनरल ने दी खास श्रद्धांजलि

भारत-पाक तनाव के बीच जब देश की सुरक्षा एजेंसियों ने ऑपरेशन सिंदूर पर अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की, तब उस मंच से भी विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास पर भावनात्मक प्रतिक्रिया सामने आई। भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “आज शायद हमें क्रिकेट पर भी थोड़ा बात करनी चाहिए। मैंने देखा कि विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। वो मेरे भी पसंदीदा क्रिकेटर रहे हैं, जैसे लाखों भारतीयों के हैं।”

हाइलाइट्स:

  • सेना के DGMO ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली को बताया अपना पसंदीदा खिलाड़ी
  • भारत की एयर डिफेंस सिस्टम की तुलना की ऑस्ट्रेलिया के घातक गेंदबाज़ों से
  • ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए विराट के संन्यास का किया ज़िक्र
  • क्रिकेट से जोड़ी रणनीतिक सैन्य व्याख्या, देशवासियों के दिल को छुआ

36 वर्षीय विराट कोहली ने हाल ही में 123 टेस्ट मैच खेलकर और 30 शतक लगाकर टेस्ट क्रिकेट से विदाई ली। उन्होंने भारत की कप्तानी करते हुए 68 टेस्ट में से 40 में जीत दिलाई, जो कि भारत के टेस्ट इतिहास का सबसे सफल रिकॉर्ड है। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के इस बयान ने साबित कर दिया कि विराट कोहली सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि एक राष्ट्र भावना का प्रतीक बन चुके हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब जनरल घई ने भारत की एयर डिफेंस प्रणाली की चर्चा की, तब उन्होंने एक बेहतरीन क्रिकेट एनालॉजी दी। उन्होंने कहा, “1970 के दशक की बात है, जब इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक एशेज सीरीज चल रही थी। उस वक्त ऑस्ट्रेलिया के दो खतरनाक गेंदबाज़ जेफ थॉमसन और डेनिस लिली ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी को चीर कर रख दिया था। तब एक लाइन चलती थी: ‘Ashes to ashes, dust to dust, if Thommo doesn’t get ya, Lillee must’।”

इसके जरिए उन्होंने बताया कि भारत की मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम इतनी मजबूत है कि दुश्मन कितनी भी परतें पार कर ले, एक न एक सुरक्षा परत उसे ज़रूर रोकेगी। उन्होंने कहा, “अगर आप इन परतों को ध्यान से समझें, तो जान जाएंगे कि एक भी परत नहीं बचेगी जिससे दुश्मन बच निकल सके।”

सेना की इस रणनीतिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली के प्रति यह आदर और जुड़ाव दिखाता है कि कैसे एक खिलाड़ी देश के दिलों में सेना के बीच भी अपनी जगह बना चुका है। ये सिर्फ क्रिकेट नहीं, यह राष्ट्र की भावना है।

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